धान में सल्फर का प्रयोग कब करें:कितनी मात्रा में करें, जानें

धान में सल्फर का प्रयोग कब करें:- किसान साथियों नमस्कार, सल्फर पौधों की वृद्धि के लिए एक आवश्यक तत्व है। जो अमीनो एसिड के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पौधे में प्रोटीन के निर्माण में भी मदद करता है। यह पतियों में एक अच्छे शुष्क पदार्थ को बनता है, और कोशिकाओं के लिए ऊर्जा के स्रोत के रूप में कार्य करता है। पौधे की वृद्धि के लिए प्रोटीन बहुत ज्यादा जरूरी होता है, और सल्फर की कमी से पौधे सही से प्रोटीन का निर्माण नहीं कर पाते। इसलिए सल्फर पौधे की वृद्धि लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। धान में हमें सल्फर का प्रयोग करना चाहिए या नहीं, करना चाहिए तो कितनी मात्रा में करना चाहिए और कब करें। इस बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए कृपया पुरा लेख पढ़ें।

धान में सल्फर की कमी के लक्षण

सल्फर की कमी हमेशा नई पत्तियां में देखने को मिलती है। सल्फर की कमी और नाइट्रोजन की कमी लगभग एक समान ही होती है। सल्फर की कमी से पौधे की नई पत्तियां हल्की पीली दूधिया रंग की हो जाती है। इसकी कमी अक्सर रेताली मिट्टी में अधिक देखने को मिलती है। लेकिन सल्फर की कमी मिट्टी सख्त होने पर ज्यादा दिखाई देती है। नया पत्ता एक समान पीला हो जाता है।

धान में सल्फर की कमी के लक्षण
धान में सल्फर की कमी के लक्षण

धान में सल्फर का प्रयोग करें या नहीं

किसान साथियों अगर आपको अपने खेत में सल्फर की कमी दिखाई देती है। तो आपको सल्फर का प्रयोग करना चाहिए। कुछ किसान साथियों को यह रहता है, कि मेरे पड़ोसी ने सल्फर डाली है। तो मैं भी जरूर डालूं। यह एक गलत तरीका है। अगर आपने अपने खेत में एसएसपी, मैग्नीशियम सल्फेट या जिंक सल्फेट का प्रयोग किया है। तो आपको सल्फर डालने की जरूरत नहीं पड़ती। क्योंकि एसएसपी, मैग्नीशियम और जिंक में सल्फर की मात्रा पाई जाती है। जिससे मिट्टी में सल्फर की कमी आसानी से पूरी हो जाती है। अगर यह सब डालने के बाद भी आपको अपनी फसल पर सल्फर की कमी दिखाई देती है। तो ही आप सल्फर का प्रयोग करें। सल्फर मिट्टी के पीएच लेवल को कम करने में मदद करता है। अगर आपकी मिट्टी का पीएच लेवल 8 से अधिक है। तो आपको सल्फर डालने की आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि पीएच लेवल अधिक होने से आपकी पौधे जरूरी तत्वों को मिटटी से नहीं उठा पाते।

धान में सल्फर का प्रयोग कब करें

वैसे तो आप ध्यान में सल्फर का प्रयोग किसी भी समय कर सकते हैं। लेकिन अगर आपको इसकी कमी दिखाई देती है। तब ही आप सल्फर का प्रयोग करें। सल्फर को आप जिंक सल्फेट के साथ भी मिलकर डाल सकते हैं। सल्फर का प्रयोग आप अपनी धान की फसल में पहले या दूसरे खाद पर कर सकते हैं। अगर आपकी मिट्टी का पीएच लेवल 8 से अधिक है। तो आपको सल्फर जिंक के साथ ही डालनी चाहिए। इसके आपको जिंक के भी पूरे लाभ देखने को मिलेंगे। सल्फर का प्रयोग आप

धान में सल्फर का प्रयोग कितनी मात्रा में करें

बाजार में आपको कहीं प्रकार की सल्फर देखने को मिलती है। बेंटोनिट सल्फर 90%, पाउडर सल्फर 90% या पाउडर सल्फर 80% आपको बाजार में मुख्य तौर पर देखने को मिलती है। सल्फर तरल भी आपको बाजार में देखने को मिलती है। जिसका प्रयोग आप स्प्रे के माध्यम से अपनी फसल पर कर सकते हैं।

अगर आपके पौधे में सल्फर की कमी दिखाई देती है। तो आपको तरल सल्फर का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि यह सल्फर की कमी को एकदम से पूरा कर देता है। इसके साथ आप बेंटोनाइट सल्फर 90% वाली 10 किलोग्राम प्रति एकड़ या फिर पाउडर सल्फर 90% या 80% की 3 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग कर सकते हैं। इसके आपको काफी ज्यादा अच्छे रिजल्ट देखने को मिलेंगे।

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