गन्ने की फसल में पाइरिला कीट नियंत्रण:- किसान साथियों नमस्कार, आजकल गन्ना किसानों के सामने एक नई समस्या आ गई है। गन्ना किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि गन्ने के खेत में फड़का की तरह का कीट उड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। जो बुरा या मेले रंग का होता है। और इसकी संख्या ज्यादा होती है जो गन्ने की पत्तियों का रस चूसते है। यह छोटी और बड़ी दोनो तरह की पत्तियों का रस चूस कर भारी नुकसान करने में सक्षम है।
गन्ने में पाइरिला कीट की पहचान
वयस्क पाइरिला एक पीला, पिल–पीला और मुलायम शरीर वाला कीट है। जिसका सिर प्रमुख रूप से एक थूथन बनाने के लिए आगे की ओर खींचा जाता है। यह कीट हल्के पीले -भूरे रंग का 10-12 मीमी लम्बा होता है। इसका सिर लम्बा व चोंचनुमा होता है। पुरुषों के पंखों का फैलाव 16-18 मिमी और महिलाओं का 19-21 मिमी होता है। मादाओं में क्रीटेशस धागे होते हैं। जिन्हें गुदा पैड कहा जाता है , जो टर्मिनल खंड पर बंडलों के रूप में व्यवस्थित होते हैं । अगले पंख पीले – भूरे रंग के साथ अर्ध – अपारदर्शी प्रकृति के होते हैं। सामने के पंख हल्के से छोटे काले धब्बों से ढके होते हैं। वयस्क और निम्फ दोनों बहुत सक्रिय होते हैं। जरा सी गड़बड़ी पर ये पत्ते से पत्ते पर छलांग लगाते हैं।
गन्ने में पाइरिला के नुक्सान
इनके अंडे पत्तियों की निचली सतह पर झुंड में सफेद रोमों से ढंके रहते हैं। ग्रसित फसल की पत्तियां पीली पड़ने लगती है। क्योंकि इस कीट के शिशु और वयस्कों द्वारा इनका रस चूस लिया गया होता है। पीली पत्तियों से कभी कभी किसानों को ऐसा भ्रम हो जाता है। कि फसल में किन्हीं पोषक तत्वों की कमी है। लेकिन ऐसा नहीं है रस चूसते समय यह कीट पत्तियों पर एक लसलसा सा पदार्थ छोड़ता है। जिससे पत्तियों पर काली फफूंद उगने लगती हैं। समूचे पत्ते काले पड़ने लगते हैं पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में बाधा पड़ने लगती है।
गन्ने में पाइरिला से बचाव के उपाय
किसान भाई ध्यान दे बिना सोचे समझे कभी कीटनाशक न डाले। आपको अपनी खेती का डॉक्टर खुद बनना है। आप नीचे बताई गयी कुछ बातों को ध्यान में रख कर भी इस कीट रोग से बच सकते है।
- खेतों के आसपास खरपतवार न जमा होने दें।
- खेतों की सुबह-शाम निगरानी करते रहें।
- यदि गन्ने की पत्तियों में सफेद रूई नुमा धागे वाई के आकार संरचना दिखाई दे रही है तो इन्हें तत्काल काटकर जला दें या गड्ढे में दबा दें।
- जब तक कीटों का प्रकोप है यूरिया का प्रयोग ना करें।
- रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग करने से बचें क्योंकि आप के खेतों में पायरिला के दुश्मन यानी किसानों का मित्र कीट इपिरकानिया मौजूद रहते हैं जो कि कीटनाशक डालने पर सबसे पहले नष्ट हो जाएंगे।
- हमे इस कीट को पहनना है और इसे खेत में बड़ना है। यह ज्वार के खेत में पाया जाता है जैसे ज्वार बड़ी होगी इन कीटों की संख्या अपने आप बड़ने लग जायेगी।
गन्ने की फसल में पाइरिला कीट नियंत्रण
अगर आपको अपने खेत में ये कीट दिखाई दे, तो आप नीचे दिए गए रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें। ये हल्के कीटनाशक से मर जाते है। इसलिए सस्ते और हल्के कीटनाशक का प्रयोग करे। कुछ कीटनाशक जिनका आप प्रयोग कर सकते है।
- प्रोफेनोफ़ास 40 प्रतिशत + साईपर 4 प्रतिशत इ.सी की 500 ml मात्रा 200 लीटर पानी में घोल बना कर सायं के समय प्रति एकड़ प्रयोग करे।
- इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल की 500 ml की मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग करे।
- मोनोक्रोटोफॉस 36% एस.एल की 500 ml मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग करे।
- थियामेथोक्साम 25% WG की 500 g मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग करें
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