धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए कौन-सी दवाई डालें:- खेती में खरपतवारों की समस्या अक्सर किसानों को सभी फसलों में देखने को मिलती है। धान में भी कईं प्रकार के खरपतवार उगते हैं। धान एक अधिक पानी में होने वाली फसल है। इसलिए इसमें खरपतवार भी काफी अधिक मात्रा में उग जाते हैं, और काफी जल्दी जमाव करते हैं। किसान धान में खरपतवारों को उगने से रोकने के लिए धान लगाते समय दवाई डालते हैं। लेकिन फिर भी कुछ खरपतवार उग जाते हैं। इन खरपतवारों को मारने के लिए या तो आपको मजदूरों की सहयता से इनको खेत से बाहर निकालना पड़ता है। या फिर खरपतवार नाशक दवाइयां का प्रयोग करके भी आप इन्हें आसानी से नष्ट कर सकते हैं। इस लेख में मैं आपको खरपतवारों को नष्ट करने करने के लिए बाजार में मिलने वाली कुछ महत्वपूर्ण दवाइयां के बारे में जानकारी दूंगा। कृपया पुरा लेख पढ़ें।
धान में उगने वाले मुख्या खरपतवार
धान में सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती वाले कईं प्रकार के खरपतवार उगते हैं। इनमें मुख्य खरपतवार पान पत्ता, मकड़ा, सोंका, दुब घास, कांजी, मोथा आदि है। इन खरपतवारों को अलग-अलग दवाइयां द्वारा नष्ट किया जाता ,है और धान में आपको एक से दो दवाइयां का मिलाकर भी स्प्रे करना पड़ता है।
धान में प्रयोग होने वाली मुख्या खरपतवार नाशक दवाइयां
वैसे तो बाजार में धान के खरपतवारों को नष्ट करने के लिए अलग-अलग कंपनी द्वारा बहुत सारी दवाइयां देखने मिल जाएगी। लेकिन जो मैं आपको दवाइयां के बारे में बताऊंगा। उनके किसानों को काफी अच्छी परिणाम देखने को मिलते हैं, और यह दवाइयां अच्छी कंपनी द्वारा बनायीं जाती है।
नॉमिनी गोल्ड
नॉमिनी गोल्ड पेस्टीसाइड इंडिया द्वारा बनाया गया एक उत्पाद है। इसमें बिस्पाइरिबैक सोडियम (bispyricbac sodium ) 10% एससी टेक्निकल पाया जाता है। इसका प्रयोग रोपाई वाली धान और सीधी बिजाई वाले धान में किया जाता है। इस खरपतवार नाशक का प्रयोग उसे समय किया जाता है, जब आपकी खरपतवार तीन से चार पत्ती का हो। इसका इस्तेमाल करते समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है। लेकिन खेत में पानी खड़ा ना हो। इसका इस्तेमाल करने से 2 से 3 दिन बाद आपको खेत में पानी लगना चाहिए। इस खरपतवार नाशक दवाई की 100ml मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है। इस खरपतवार नाशक का प्रयोग कट नोज़ल से करना चाहिए।
काउंसिल एक्टिव
काउंसिल एक्टिव बयार क्रॉप साइंस द्वारा बनाया गया एक खरपतवार नाशक है। इसमें ट्रायफामोन 20% + एथोक्सीसल्फ्यूरॉन 10% डब्लूजी टेक्निकल पाया जाता है। इसका प्रयोग धान में खरपतवारों को उगाने के बाद में किया जाता है। जब आपकी खरपतवार नाशक तीन से चार पत्ती का हो तब इसका प्रयोग किया जाता है। यह धान में मुख्य रूप से सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती वाले दोनों प्रकार के खरपतवारों को मारने में सहायक है। इसकी 90 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है। यह धान के लगभग सभी प्रकार के खरपतवारों को भी मारने में सक्षम है। यह बाजार में मिलने वाला सबसे अच्छा खरपतवारनाशक है।
साइनो
साइनो अतुल कंपनी द्वारा बनाया गया एक खरपतवार नाशक है। इसमें क्लोरिमुरोन इथाइल 25% टेक्निकल पाया जाता है। यह धान में मुख्य रूप से मोथा घास और मोथा कुल के घासों को मारने के लिए प्रयोग किया जाता है। धान में इसकी 15 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है। इस दवाई के मोथा घास पर काफी अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं। यह आपको बाजार में 150 से 200 रुपए में आसानी से मिल जाती है।
पिमिक्स
फिनिक्स पेस्टीसाइड इंडिया द्वारा अपना बनाया गया एक उत्पाद है। इसमें मेट्सल्फ्यूरॉन मिथाइल 10% + क्लोरिम्यूरॉन एथिल 10% डब्ल्यूपी टेक्निकल पाया जाता है। यह धान में चौड़ी पत्ती वाले और मोथा कुल के खास को मारने में सक्षम है। कुछ किसान इस दवाई का प्रयोग धान की लंबाई रोकने के लिए भी करते हैं। इसकी 8 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है। इस दवाई को आप नॉमिनी गोल्ड के साथ मिलकर भी अपने खेत में प्रयोग कर सकते हैं।
किसान साथियों अगर आप उन्हें ऊपर दी गई इन दवाइयां में से किसी भी दवाई का इस्तेमाल किया है, और आपको इसके परिणाम कैसे देखने को मिले। कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और अगर आपके खेती संबंधित प्रश्न है। तो कमेंट में हमें पूछ सकते हैं। धन्यवाद!
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