---Advertisement---

जैविक खेती में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के 7 प्राकृतिक तरीके | जैविक खेती गाइड

By ऑर्गैनिक खेती

Published On:

Follow Us
जैविक खेती में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के 7 प्राकृतिक तरीके
---Advertisement---

जैविक खेती:- खेती आज के समय में एक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल कृषि पद्धति के रूप में उभर रही है। इसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बजाय प्राकृतिक तरीकों का उपयोग किया जाता है। नाइट्रोजन पौधों के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो उनकी वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन जैविक खेती में नाइट्रोजन की पूर्ति कैसे की जाए? इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि जैविक खेती में नाइट्रोजन की कमी को कैसे पूरा किया जा सकता है और इसके लिए कौन-कौन से प्राकृतिक तरीके उपलब्ध हैं।

नाइट्रोजन पौधों के लिए एक प्रमुख पोषक तत्व है, जो उनकी वृद्धि, पत्तियों के विकास और प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक है। नाइट्रोजन की कमी से पौधों की वृद्धि रुक जाती है, पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं और फसल की उपज कम हो जाती है। इसलिए, पौधों को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिलना चाहिए।

जैविक खेती क्या है, और इसको करने से हमें क्या लाभ मिलते है,सम्पूर्ण जानें

जैविक खेती में नाइट्रोजन की पूर्ति के तरीके

जैविक खेती में नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए कई प्राकृतिक तरीके उपलब्ध हैं। ये तरीके न केवल पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करते हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाते हैं। आइए इन तरीकों के बारे में विस्तार से जानें:

1. हरी खाद का उपयोग

हरी खाद नाइट्रोजन की पूर्ति का एक प्रभावी तरीका है। इसमें दलहनी फसलों जैसे मूंग, उड़द, लोबिया, ढेंचा आदि को खेत में उगाया जाता है और फिर उन्हें मिट्टी में दबा दिया जाता है। ये फसलें वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करती हैं और मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाती हैं। हरी खाद मिट्टी की संरचना को भी सुधारती है और उसमें जैविक पदार्थों की मात्रा को बढ़ाती है।

2. कम्पोस्ट खाद

कम्पोस्ट खाद जैविक खेती में नाइट्रोजन की पूर्ति का एक और महत्वपूर्ण स्रोत है। इसे घर पर ही पौधों के अवशेष, पशुओं का गोबर, रसोई के कचरे आदि से तैयार किया जा सकता है। कम्पोस्ट खाद में नाइट्रोजन के अलावा अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो पौधों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और पौधों को स्वस्थ रखता है।

3. गोबर की खाद

गोबर की खाद जैविक खेती में नाइट्रोजन का एक प्रमुख स्रोत है। गोबर में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के लिए आवश्यक हैं। गोबर की खाद को खेत में डालने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिलता है।

4. वर्मीकम्पोस्ट

वर्मीकम्पोस्ट केंचुओं द्वारा तैयार की गई एक उच्च गुणवत्ता वाली खाद है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। वर्मीकम्पोस्ट मिट्टी की संरचना को सुधारती है और उसमें सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को बढ़ावा देती है। यह पौधों को धीरे-धीरे नाइट्रोजन प्रदान करती है, जिससे उनकी वृद्धि अच्छी होती है।

5. जैविक उर्वरक

जैविक उर्वरक जैसे राइजोबियम, एजोटोबैक्टर और नील-हरित शैवाल (ब्लू-ग्रीन एल्गी) का उपयोग करके भी नाइट्रोजन की पूर्ति की जा सकती है। ये सूक्ष्मजीव वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करते हैं और इसे पौधों के लिए उपलब्ध कराते हैं। इन जैविक उर्वरकों का उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिलता है।

6. फसल चक्र

फसल चक्र एक ऐसी पद्धति है, जिसमें अलग-अलग प्रकार की फसलों को एक निश्चित क्रम में उगाया जाता है। दलहनी फसलें जैसे चना, मटर, मूंग आदि वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करती हैं और मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाती हैं। इन फसलों को अन्य फसलों के साथ उगाने से मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी को पूरा किया जा सकता है।

7. मल्चिंग

मल्चिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसमें मिट्टी की सतह को पत्तियों, घास या अन्य जैविक पदार्थों से ढक दिया जाता है। यह मिट्टी में नमी को बनाए रखता है और जैविक पदार्थों के विघटन से नाइट्रोजन जैसे पोषक तत्व मिट्टी में मिलते हैं। मल्चिंग मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करता है।

निष्कर्ष

जैविक खेती में नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए कई प्राकृतिक तरीके उपलब्ध हैं। हरी खाद, कम्पोस्ट खाद, गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट, जैविक उर्वरक, फसल चक्र और मल्चिंग जैसे तरीकों का उपयोग करके पौधों को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन प्रदान किया जा सकता है। ये तरीके न केवल पौधों के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाते हैं और पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं।

जैविक खेती को अपनाकर हम न केवल स्वस्थ और पौष्टिक फसलें उगा सकते हैं, बल्कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर एक टिकाऊ भविष्य की ओर भी कदम बढ़ा सकते हैं। तो, अगर आप भी जैविक खेती करना चाहते हैं, तो इन प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करके अपनी फसलों को नाइट्रोजन प्रदान करें और एक बेहतर कृषि पद्धति को अपनाएं। धन्यवाद!

ये भी पढ़ें- वर्मी कम्पोस्ट बनाने का सही तरीका: कचरे को सोना बनाएँ, जानें स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया

जीवामृत क्या है, इसको कैसे बनायें, सम्पूर्ण जानें

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

1 thought on “जैविक खेती में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के 7 प्राकृतिक तरीके | जैविक खेती गाइड”

Leave a Comment